Bhola Bander Poem / भोला बंदर हिंदी कविता

एक बंदर था भोला – भाला

शिक्षक भूपेंद्र चौहान द्वारा लिखी हिंदी कविता सभी प्राथमिक कक्षाओं के लिए- भोला बंदर (Bhola Bander)

सरल और मनोरंजक कविता, जो की बच्चो को गिनती सीखने में सहायक होगी । उम्मीद करते है आप सभी को पसंद आएगी ।

Bhoopendra Chauhan
Bhoopendra Chauhan (Assistant Teacher UP Basic)

Bhola Bander Poem – भोला बंदर कविता

1 से 10 तक गिनती सीखे खेल – खेल में, कविता मे 10 तक गिनती को बड़े ही सुन्दर तरीके से दिखाया गया है, बच्चे कविता के साथ साथ गिनती को भी सीख सकेंगे ।

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एक बंदर था भोला भाला

Monkey 🐒 Poem

Hindi Kavita

Bhola bander

एक बंदर था भोला – भाला, दिखने मे था थोड़ा काला ।

दो आंखे थी काली काली, उसमे थी सुरमे की लाली ।

Monkey eyes
एक बंदर था भोला भाला

तीन रंगों से पूछ रंगी थी , कुछ पीली कुछ लाला हरी थी ।

चार हाथ – पैरों से चलता , कमर हिलाकर खूब मचलता ।

Bhola bander
लाल शक्ल का बंदर

पांच किलो का हल्का फुल्का , बंदर था वो लाल शक्ल का ।

छः केले खाता था रोज, पेड़ो पर करता था मौज ।

केला खाता बंदर
बीमार बंदर

सात दिनों से था बीमार, बहुत तेज़ था उसे बुखार ।

आठ – आठ डॉक्टरों को दिखाया , किसी को कुछ भी समझ न आया ।

Doctor bander
बूटी बंदर

नौवें दिन एक वैद्य बुलाई , उसने फिर एक बूटी पिलाई ।

दसवें दिन ही ठीक हो गया , पीकर एक बूटी का प्याला ।

मस्त बंदर
Bhola bander

एक बंदर था भोला भाला , दिखने में था थोड़ा काला ।

Written & designed by -: Bhoopendra Chauhan (Assistant Teacher UP)

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