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- साइबर क्राइम क्या है ? Cyber Crime
- What is Cyber crime?
- साइबर क्राइम (Cyber Crime) किस- किस तरह का हो सकता है?
- साइबर क्राइम (Cyber Crime) करने के क्या-क्या उद्देश्य होते है?
- साइबर क्राइम का कैसे पता लगाएं?
- साइबर क्राइम से हमें क्या-क्या नुकसान पहुंच सकता है?
- साइबर क्राइम से हम खुद को कैसे बचा सकते हैं?
- साइबर क्राइम (Cyber Crime) को किन तरीको से रोका जा सकता हैं।
- स्पैम कॉलिंग ( Spam Call ) क्या होती है?
- स्पैम कॉलिंग ( Spam Calling ) को कैसे रोक सकते हैं?
- साइबर बुलीइंग क्या है? Cyber Bullying
- साइबर क्राइम (Cyber Crime )के लिए शिकायत कहां करें?
- भारत सरकार द्वारा साइबर क्राइम के खिलाफ उठाए जा रहे कदम क्या क्या है?
- साइबर क्राइम के खिलाफ जागरूकता नारे :
- हमसे जुड़ने के लिए संपर्क करे :
साइबर क्राइम क्या है ? Cyber Crime
साइबर क्राइम एक विशेष श्रेणी का अपराध होता है जो इंटरनेट, कम्प्यूटर, स्मार्टफोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के उपयोग के माध्यम से किया जाता है।
साइबर क्राइम में शामिल हो सकते हैं आपत्तिजनक अधिग्रहण, ऑनलाइन धोखाधड़ी, वायरस, फिशिंग, इंटरनेट धोखाधड़ी, बैंकिंग फ्रॉड, इमेल स्पैम, साइबर बुलिंग और आतंकवाद जैसे विभिन्न अपराध हो सकते हैं।
साइबर क्राइम दुनिया भर में बढ़ता जा रहा है और यह अपराध करने वालों के लिए आसान बना दिया है क्योंकि वे अपनी गतिविधियों को छुपाने और ट्रेस नहीं किए जाने वाले विभिन्न आईपी एड्रेस का उपयोग कर सकते हैं।
साइबर क्राइम के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए, लोगों को अपने इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का संरक्षण करना चाहिए, अपने पासवर्ड को मजबूत बनाएं, साइबर सुरक्षा संबंधी जागरूकता बढ़ाना चाहिए और इंटरनेट पर अपनी गतिविधियों को ध्यान से देखना चाहिए।
What is Cyber crime?
Cyber crime is a specific category of crime that is committed through the use of the internet, computer, smartphone, and other electronic devices.
Cyber crimes can include unauthorized access, online fraud, viruses, phishing, internet scams, banking fraud, email spam, cyber bullying, and terrorism, among others.
Cyber crime is increasing globally and has made it easier for perpetrators to hide their activities and use various IP addresses that cannot be traced.
To fight against cyber crime, people should protect their electronic devices, create strong passwords, increase awareness of cyber security, and be cautious of their online activities.
साइबर क्राइम (Cyber Crime) किस- किस तरह का हो सकता है?
साइबर क्राइम कई प्रकार के होते हैं जो निम्नलिखित हैं:
ऑनलाइन धोखाधड़ी: इसमें अपराधी अन्य लोगों को धोखा देकर धन, संपत्ति या व्यक्तिगत जानकारी को चुराते हैं।
वायरस: यह एक टाइप का सॉफ्टवेयर होता है जो कंप्यूटर सिस्टम को नुकसान पहुंचाता है।
फिशिंग: इसमें अपराधी फर्जी वेबसाइटों या ईमेल के माध्यम से उपयोगकर्ताओं से व्यक्तिगत जानकारी को प्राप्त करने की कोशिश करते हैं।
साइबर बुलिंग: इसमें अपराधी इंटरनेट या मोबाइल फोन के माध्यम से दूसरों को छेड़खानी, धमकी या बेहुदगी करते हैं।
आतंकवाद: साइबर आतंकवादी इंटरनेट के माध्यम से निर्देश देते हैं, साइबर हमलों की योजना बनाते हैं या अन्य आतंकवादी गतिविधियों को संचालित करते है ।
मालवेयर (Malware) – वायरस, ट्रोजन, वर्म, रूटकिट जैसे कंप्यूटर वायरस या हानिकारक सॉफ्टवेयर के माध्यम से उपयोगकर्ताओं के संगठन और व्यक्तिगत डेटा को अपहरण करना।
सोशल मीडिया अपराध (Social Media Crimes) – सोशल मीडिया अपराध भी साइबर क्राइम मे ही आता है। आजकल लोग सोशल। मीडिया पर विभिन्न प्रकार से अपराधों को अंजाम दे रहे है ।
साइबर क्राइम (Cyber Crime) करने के क्या-क्या उद्देश्य होते है?
साइबर क्राइम अनेक प्रकार के होते हैं जो कि इंटरनेट और अन्य डिजिटल माध्यमों के उपयोग करके किये जाते हैं। साइबर क्राइम के उद्देश्य कुछ निम्नलिखित हो सकते हैं:
धन की हासिली: अधिकतर साइबर क्राइमर धन की हासिली के लिए इस्तेमाल किये जाते हैं। वे ऑनलाइन चोरी, फिशिंग, फ्रॉड, यूजर्नेम और पासवर्ड के चोरी और अन्य विधियों का उपयोग करके विभिन्न ढंग से धन की हासिली करते हैं।
गोपनीयता और आतंकवाद को ध्वस्त करना: मार्क्सिस्टों के मुताबिक, साइबर आतंकवादी देश की आर्थिक, सामाजिक या राजनैतिक स्थिति के खिलाफ होने वाले हमलों का आयोजन करते हैं। इन्हें धन, डेटा या सेवाओं को लाइन में अवरुद्ध करके, साइबर आतंक के विरुद्ध सुरक्षा तंत्रों को असंभव बनाने की कोशिश की जाती है।
इसके अलावा, साइबर आतंकवादियों द्वारा नेटवर्क निष्क्रिय करने, नजरबंदी लगाने या नेटवर्क एवं संचार संबंधी संरचनाओं में अवैध घुसपैठ करने के माध्यम से लोगों में भय और आतंक फैलाया जाता है।
जासूसी और अन्य अवैध कार्यों के लिए डेटा चोरी: साइबर क्राइमर अन्य व्यक्तियों के निजी डेटा को चुराकर जासूसी और अन्य अवैध कार्यों के लिए इस्तेमाल करते हैं।
इसमें ईमेल हैकिंग, सोशल मीडिया अकाउंट का हैकिंग, फोन टैपिंग, कंप्यूटर वायरस एवं मैलवेयर का उपयोग आदि शामिल होता है। इस तरह की चोरी अक्सर आधार विवरण, बैंक खाता जानकार या आधार नंबर जानकर की जाती है ।
साइबर क्राइम का कैसे पता लगाएं?
साइबर क्राइम को खोजने के लिए, निम्नलिखित कुछ चरणों का पालन करें:
अवैध गतिविधियों को पहचानें: साइबर अपराधों के लिए सामान्य गतिविधियों में से कुछ शामिल होते हैं जैसे कि फिशिंग, स्कैमिंग, वायरस, मैलवेयर आदि। इन गतिविधियों को पहचानने के लिए उन वेबसाइटों, ईमेलों, सामग्री आदि के बारे में जानकारी देखें जो आपके सिस्टम में असामान्य या अनोखे दृष्टिकोण के साथ नजर आते हैं।
अवैध गतिविधियों के पीछे के लक्ष्य का पता लगाएं: साइबर अपराधों के बारे में संदेह होने पर, उनके पीछे के लक्ष्य को खोजने का प्रयास करें। यह संभव होता है कि आपको यह जानकारी मिल जाए कि उनका उद्देश्य क्या है और वे क्या हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं।
संदेहास्पद साइबर गतिविधियों की रिपोर्ट करें: यदि आपको संदेह होता है कि आपके सिस्टम में कोई अवैध गतिविधि हो रही है, तो आपको इसे तुरंत रिपोर्ट करना चाहिए। इससे आप अपने सिस्टम को सुरक्षित रख सकते हैं और इससे आप अन्य लोगों को भी इस तरह की गतिविधियों से बचाने में मदद कर सकते है ।
साइबर क्राइम से हमें क्या-क्या नुकसान पहुंच सकता है?
साइबर क्राइम से हमें कई नुकसान पहुंच सकते हैं, जैसे कि:
डेटा की हानि: साइबर क्राइमर्स आपके कंप्यूटर सिस्टम, स्मार्टफोन या अन्य इंटरनेट डिवाइस में घुसकर आपके डेटा को चुरा सकते हैं या नष्ट कर सकते हैं। यह आपके व्यक्तिगत या व्यावसायिक डेटा जैसे ईमेल, क्रेडिट कार्ड जानकारी, बैंक खाते की जानकारी, सोशल मीडिया अकाउंट की जानकारी, और अन्य सांख्यिक डेटा को प्रभावित कर सकता है।
ऑनलाइन आश्वासन के हानि: साइबर क्राइमर्स आपकी इंटरनेट सक्रियता को निगरानी करते हुए आपके व्यक्तिगत जानकारी जैसे अपने इंटरनेट आश्वासन कोड या बैंकिंग जानकारी को चुरा सकते हैं। इस तरह से, आपकी व्यक्तिगत जानकारी चोरी होने से आपके वित्तीय स्थिति का पता लगाया जा सकता है। और उसका इस्तेमाल गलत कार्यों में किया जा सकता है।
आर्थिक हानि: साइबर अपराधियों द्वारा आपके बैंक खाते से पैसे चुराना, क्रेडिट कार्ड फ्रॉड, ऑनलाइन ट्रांजैक्शन से पैसे चोरी या दोषपूर्ण व्यावहार करना आपको आर्थिक नुकसान पहुंचा सकता है।
साइबर क्राइम से हमें नुकसान पहुंच सकते हैं, जैसे कि:
डेटा की हानि, ऑनलाइन आश्वासन के हानि, ऑनलाइन शोषण या बलात्कार, ऑनलाइन आतंकवाद और अन्य। यह सभी आपकी व्यक्तिगत और व्यावसायिक जानकारी को प्रभावित कर सकता है और आपके जीवन में लंबी अवधि तक असर डाल सकता है।
इसलिए, हमें अपनी ऑनलाइन सुरक्षा को लेकर सतर्क रहना चाहिए और साइबर क्राइम के बारे में संपूर्ण जानकारी रखनी चाइए ।
साइबर क्राइम से हम खुद को कैसे बचा सकते हैं?
साइबर क्राइम दुनिया भर में बढ़ता जा रहा है और यह आपकी ऑनलाइन सुरक्षा को खतरे में डाल सकता है। आप निम्नलिखित तरीकों से खुद को सुरक्षित रख सकते हैं:
अपने पासवर्ड को मजबूत रखें और नए पासवर्ड निर्माण करें। साइबर अपराधियों के लिए आपका पासवर्ड आसान बना सकता है जिससे वे आपके खातों में अपनी पहुंच बनाने में सक्षम होंगे।
अपनी ऑनलाइन खातों के लिए दो-चरणीय प्रमाणीकरण (Two-Factor Authentication) का उपयोग करें। यह आपकी सुरक्षा को और भी मजबूत करता है और साइबर अपराधियों से आपकी खातों को सुरक्षित रखता है।
अपने पासवर्ड को मजबूत बनाएं: अपने खातों के पासवर्ड को मजबूत बनाएं और इसे नियमित रूप से बदलते रहें। एक मजबूत पासवर्ड में कम से कम 8-10 अक्षर होने चाहिए और इसमें अल्फाबेट, संख्याएं और विशेष वर्ण शामिल होने चाहिए।
वेबसाइटों पर सतर्क रहें: अगर आप किसी वेबसाइट पर जाना चाहते हैं, तो उससे पहले इसकी सत्यापित जानकारी देखें। सुनिश्चित करें कि वेबसाइट HTTPS प्रोटोकॉल का उपयोग करती है और आपके ब्राउज़र में लॉक आइकन दिखाई दे रहा हो। इसके अलावा, अगर कोई लिंक दिखाई दे तो उसपर बिना जाने क्लिक ना करे ।
सुरक्षित पासवर्ड: एक सुरक्षित पासवर्ड बनाएं और अपने सभी ऑनलाइन खातों के लिए एक ही पासवर्ड का उपयोग न करें। अपने पासवर्ड को नियमित अंतराल से बदलें और अपने पासवर्ड में अल्फाबेट, संख्या और विशेष वर्णों का उपयोग करें।
दुर्बल साइटों से बचें: अपने डेटा को सुरक्षित रखने के लिए अपने कंप्यूटर पर सत्यापित और विश्वसनीय एंटीवायरस और फायरवॉल का उपयोग करें। उच्च-स्तरीय डेटा सुरक्षा के साथ ऐसे साइटों से काम करें जो HTTPS का उपयोग करते हैं।
फिशिंग से सावधान रहें: आपको कभी भी अपनी निजी जानकारी जैसे खाते की जानकारी, पासवर्ड आदि को किसी के साथ भी शेयर नही करना है ।
साइबर क्राइम (Cyber Crime) को किन तरीको से रोका जा सकता हैं।
साइबर क्राइम को रोकने के लिए निम्नलिखित कुछ उपाय हैं:
सुरक्षा सॉफ्टवेयर: एंटीवायरस, फायरवॉल और अन्य सुरक्षा सॉफ्टवेयर का उपयोग करें। यह आपको साइबर हमलों से सुरक्षित रखने में मदद कर सकता है।
अपनी साइबर सुरक्षा की जिम्मेदारी लें: एक सावधान उपयोगकर्ता होना महत्वपूर्ण है। अपने अकाउंट्स के लिए मजबूत पासवर्ड बनाएं, अज्ञात फाइलों या लिंक्स को नहीं खोलें और अज्ञात ईमेलों के साथ सावधान रहे ।
अपनी साइबर सुरक्षा की जाँच करें: आप इस बारे में जान सकते हैं कि आपकी साइबर सुरक्षा कैसी है, जैसे कि क्या आपके पास एक स्ट्रोंग पासवर्ड है और आप कितनी सुरक्षित साइटों पर लॉगइन करते हैं।
इंटरनेट पर सावधान रहें: अज्ञात ईमेलों, संदेशों या लिंक्स को नहीं खोलें जो अप्रत्याशित होते हैं। साइबर अपराधियों इन तरह के संदेशों का उपयोग करते हैं ताकि वे आपकी खाते में लॉगिन कर सकें या वायरस आपके सिस्टम में स्थापित कर सकें।
सबसे नवीन संस्करण के सॉफ्टवेयर का उपयोग करें: सबसे नवीन संस्करण के सॉफ्टवेयर आपको सुरक्षित रखता है। वे सुरक्षा अपडेट के साथ आते हैं जो संस्करण के गणना के बाद जारी किए जाते हैं।
साइबर सुरक्षा के बारे में जागरूक रहें: आपको साइबर सुरक्षा के बारे में अपडेट रहना चाहिए। आपको नई तकनीकों के बारे में जानना चाहिए,
स्पैम कॉलिंग ( Spam Call ) क्या होती है?
स्पैम कॉलिंग एक अवैध और नुकसानदायक व्यवहार है, जिसमें व्यक्ति एक फोन कॉल के माध्यम से धोखाधड़ी या नुकसान पहुंचाने का प्रयास करता है। इस तरह की कॉल के लक्ष्य विभिन्न हो सकते हैं, जैसे कि बेहतरीन सेवा और उत्पादों की पेशकश, वित्तीय निवेशों के लिए प्रस्ताव, आपके व्यक्तिगत विवरण जैसे कि क्रेडिट कार्ड या बैंक खाते के विवरण का चोरी या उनका दुरुपयोग भी हो सकता है।
स्पैम कॉलिंग एक अवैध टेलीमार्केटिंग प्रैक्टिस भी है जिसमें एक कंपनी या व्यक्ति अनचाहे फोन कॉल के माध्यम से लोगों को असंगत विज्ञापन या सेवाओं का विज्ञापन करते हैं। इन कॉल का मुख्य उद्देश्य लोगों को धोखा देकर उनसे पैसे या निजी जानकारी को चुराना होता है।
स्पैम कॉलिंग के जरिए अक्सर अश्लील, धोखाधड़ी, कपड़ों, दवाओं, बीमारियों, या अन्य विज्ञापनों का प्रचार किया जाता है। इस प्रक्रिया में बहुत से फोन नंबर खराब और अमानवीय तरीके से हासिल किए जाते हैं।
स्पैम कॉलिंग को कंट्रोल करने के लिए कुछ देशों ने कानूनी कार्रवाई भी की है। यह एक अपराध हो सकता है और अगर कोई इस प्रकार का कॉल करता है तो उसे दंडित किया जा सकता है।
स्पैम कॉलिंग ( Spam Calling ) को कैसे रोक सकते हैं?
स्पैम कॉलिंग को रोकने के कुछ उपाय हैं:
अज्ञात नंबरों को ब्लॉक करें: आप अपने फोन में अज्ञात नंबरों को ब्लॉक कर सकते हैं। इसके लिए आप अपने फोन की सेटिंग में “Block” या “Spam” के लिए एक ऑप्शन खोज सकते हैं।
अज्ञात कॉलर आईडी का उपयोग करें: आप अपने फोन में अज्ञात कॉलर आईडी का उपयोग करके स्पैम कॉल को रोक सकते हैं। इसके लिए आप अपने फोन की सेटिंग में “Caller ID & Spam” या “Caller Identification” खोज सकते हैं।
स्पैम कॉल को रिपोर्ट करें: आप अपने फोन के नियंत्रण कक्ष में जाकर स्पैम कॉल को रिपोर्ट कर सकते हैं। अधिकांश फोनों में, आप अपने फोन के रिपोर्टिंग टूल या एप्लिकेशन के माध्यम से एक स्पैम कॉल की रिपोर्ट कर सकते हैं।
स्पैम कॉलों के लिए थर्ड पार्टी एप्लिकेशन का उपयोग करें: कुछ थर्ड पार्टी एप्लिकेशन, जैसे Truecaller, Hiya और Robokiller, अपने फोन पर स्पैम कॉलों को रोकने में मदद कर सकते हैं। ये ऐप्स अज्ञात नंबरों को ब्लॉक करते हैं
साइबर बुलीइंग क्या है? Cyber Bullying
साइबर बुलीइंग एक अधिकतम तरीके से इंटरनेट या अन्य डिजिटल माध्यमों का उपयोग करके अन्य व्यक्ति को आक्षेप, नुकसान, उपहास, या दुर्व्यवहार करना होता है।
साइबर बुलीइंग आमतौर पर सोशल मीडिया, ईमेल, टेक्स्ट संदेश या ऑनलाइन गेमिंग के माध्यम से किया जाता है।
इसके माध्यम से लोग अन्य लोगों को धमकाकर, उनके साथ मजाक उड़ाकर या उन्हें लोगों से दूर रखकर उन्हें सामाजिक रूप से नीचा दिखाने की कोशिश करते हैं। साइबर बुलीइंग उन सभी लोगों के लिए खतरनाक होता है जो इससे प्रभावित होते हैं, विशेष रूप से बच्चों और युवाओं के लिए।
साइबर बुलीइंग का मुख्य लक्ष्य दूसरों को नुकसान पहुंचाना होता है, जो एक असामान्य रूप से खतरनाक और गंभीर मुद्दा है।
इसलिए, साइबर बुलीइंग को रोकने के लिए निम्नलिखित कुछ उपाय हैं:
सोशल मीडिया और अन्य डिजिटल माध्यमों पर सुरक्षित रहें: अपने सोशल मीडिया अकाउंटों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए, एक सुरक्षा सत्राप का उपयोग करें और अज्ञात लोगों के संपर्कों से सावधान रहें।
साइबर बुलीइंग को जानें: साइबर बुलीइंग के बारे में अच्छे से जाने कि इससे क्या क्या परेशानी आ सकती है। यह किस प्रकार हमें नुकसान पहुंचा सकता है और इससे कैसे निजात मिल सकती जितनी हमारे पास ज्यादा जानकारी होगी उतना ही आसानी से हम से बच सकते हैं ।
डिजिटल जागरूकता बढ़ाएं: साइबर बुलीइंग को रोकने के लिए सबसे महत्वपूर्ण उपाय है डिजिटल जागरूकता का बढ़ावा देना। लोगों को इस बारे में शिक्षित करना चाहिए कि वे इंटरनेट पर सुरक्षित रहने के लिए कैसे स्थायी उपाय अपना सकते हैं।
संयोजन: इंटरनेट के उपयोग से संयोजन करना एक बहुत अच्छा उपाय है। अपने संबंधितों और मित्रों के साथ संपर्क बनाए रखें और अगर आपको साइबर बुलीइंग का शिकार होने का अनुमान होता है तो अपने मित्रों की मदद का ले सकते हैं।
साइबर क्राइम (Cyber Crime )के लिए शिकायत कहां करें?
यदि आप साइबर क्राइम का शिकार हो गए हैं, तो आप निम्नलिखित माध्यमों के माध्यम से शिकायत दर्ज कर सकते हैं:
ऑनलाइन शिकायत पोर्टल: अधिकांश देशों में सरकार ने ऑनलाइन शिकायत पोर्टल उपलब्ध कराए हैं जिनके माध्यम से आप साइबर क्राइम के विरुद्ध शिकायत दर्ज कर सकते हैं। इन पोर्टलों का उपयोग करने से पहले सुनिश्चित करें कि आपके देश में इस सेवा का उपलब्ध होना चाहिए।
भारत में साइबर क्राइम की शिकायत निम्नलिखित स्थानों पर की जा सकती है।
राष्ट्रीय साइबर क्राइम पोर्टल Cyber Crime Portal
राष्ट्रीय साइबर क्राइम पोर्टल भारत सरकार द्वारा संचालित एक ऑनलाइन पोर्टल है जो साइबर अपराधों की शिकायतों को दर्ज करने और उन्हें समाधान करने के लिए बनाया गया है।
यह पोर्टल अपराधों जैसे अनधिकृत गतिविधियों, आधारभूत उल्लंघनों, फिशिंग, फ्रॉड, वेबसाइट घोटालों, धोखाधड़ी, ट्रोलिंग और अन्य साइबर अपराधों के खिलाफ जानकारी प्रदान करता है। इस पोर्टल के माध्यम से लोग साइबर अपराधों के खिलाफ अपनी शिकायतों को संबंधित अधिकारिकों तक पहुंचा सकते हैं।
राष्ट्रीय साइबर क्राइम पोर्टल वेबसाइट का उपयोग करके आप साइबर अपराधों की शिकायतों को दर्ज कर सकते हैं और साइबर अपराधों से संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
इस पोर्टल का उपयोग करना बहुत आसान है, और निम्नलिखित चरणों का पालन करते हुए आप इस पोर्टल का उपयोग कर सकते हैं:
राष्ट्रीय साइबर क्राइम पोर्टल वेबसाइट https://cybercrime.gov.in/ पर जाएं।
वेबसाइट के होम पेज पर, “File a Complaint” बटन पर क्लिक करें।
अपनी शिकायत दर्ज करने के लिए आवश्यक जानकारी भरें ।
स्थानीय पुलिस स्टेशन: साइबर क्राइम के मामलों को स्थानीय पुलिस स्टेशन में दर्ज किया जा सकता है। आप अपने शहर में स्थित पुलिस स्टेशन में जाकर अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
साइबर सुरक्षा रक्षक (एसएससी): भारत सरकार ने साइबर सुरक्षा के लिए एक विशेष एजेंसी की स्थापना की है, जो साइबर क्राइम के खिलाफ संघर्ष करती है। यदि आपको साइबर क्राइम का शिकायत करनी है, तो आप सीधे साइबर सुरक्षा रक्षक (SSC) को संपर्क कर सकते हैं। उनकी वेबसाइट यह है:
https://www.cyberswachhtakendra.gov.in/
साइबर अपराध निवारण इकाई (सीसीआई): साइबर अपराधों को जांचने और उनसे निपटने के लिए सीसीआई भी एक महत्वपूर्ण एजेंसी है। यदि आपकी शिकायत सीधे सीसीआई से संबंधित है, तो आप उनसे संपर्क कर सकते हैं।
उनकी वेबसाइट यह है: https://www.cbi.gov.in/
साइबर जांच अधिकारी (साइबर सेल): अधिकांश राज्यों में, साइबर क्राइम के मामलों को साइबर जांच अधिकारी द्वारा जांचा जाता है। आप अपने राज्य की साइबर जांच अधिकारी के संपर्क विवरण और स्थान के बारे में अपने स्थानीय पुलिस स्टेशन से पूछ सकते हैं।
इलेक्ट्रॉनिक विज्ञापन तथा वित्त विभाग (ईडी): ईडी भी साइबर क्राइम के मामलों को जांचने के लिए जिम्मेदार है। यदि आपकी शिकायत आर्थिक अपराधों के संबंध में है, तो आप ईडी से संपर्क कर सकते हैं। उनकी वेबसाइट यह है: https://www.ediindia.org/
इन सभी स्थानों पर शिकायत दर्ज करने से पहले, आपको अपनी शिकायत की पूरी जानकारी होनी चाहिए । उसके पश्चात ही अपनी शिकायत यहां पर दर्ज कराएं ।
भारत सरकार द्वारा साइबर क्राइम के खिलाफ उठाए जा रहे कदम क्या क्या है?
भारत सरकार ने साइबर क्राइम के खिलाफ कई कदम उठाए हैं। कुछ मुख्य कदम निम्नलिखित हैं:
साइबर सुरक्षा नीति: भारत सरकार ने साइबर सुरक्षा नीति 2013 को अपनाया है, जिसका मुख्य उद्देश्य ऑनलाइन अपराधों से लड़ने के लिए सुरक्षित और सुरक्षित संचार संरचना को सुनिश्चित करना है।
साइबर अपराधों के विरुद्ध कानूनी कदम: भारत सरकार ने साइबर अपराधों के खिलाफ कानूनी कदम भी उठाए हैं।
साइबर सुरक्षा नीति: भारत सरकार द्वारा एक साइबर सुरक्षा नीति जारी की गई है, जो सुरक्षित डिजिटल विश्व के लिए एक उपयोगी मार्गदर्शिका प्रदान करती है।
साइबर अपराधों के लिए अधिकारिक अभियान: सरकार द्वारा साइबर अपराधों के खिलाफ एक अधिकारिक अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें साइबर सुरक्षा के बारे में जागरूकता फैलाई जाती है और लोगों को साइबर अपराधों से बचने के लिए संबंधित उपाय बताए जाते हैं।
साइबर अपराधों के लिए जुर्माने और सजा: साइबर अपराधों के खिलाफ कड़ी सजा के लिए अधिकारिक कानून बनाए गए हैं।
साइबर क्राइम के खिलाफ जागरूकता नारे :
साइबर सुरक्षा हमारा जिम्मेदारी है, साइबर अपराध से बचाव हमारा कर्तव्य है।
इंटरनेट सुरक्षित रखें, साइबर अपराधों से बचें।
साइबर अपराधों से बचने के लिए सुरक्षित पासवर्ड और अकाउंट की जानकारी रखें।
साइबर अपराधों को रोकें, सुरक्षा बढ़ाएं।
साइबर अपराध के खिलाफ सामूहिक रूप से लड़ें,
आओ हम और आप मिलकर साइबर क्राइम को खत्म करे 🙏
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