देश हमारा, सबसे प्यारा – दुनिया में है सबसे न्यारा । देशभक्ति कविता

देश हमारा, सबसे प्यारा – भारतीय भावनाओं का संगम | Hindi Poem on Unity in Diversity

देश हमारा – सबसे प्यारा। देश भक्ति कविता । भारतीय संस्कृति पर कविता। भाईचारा। आजादी का अमृत महोत्सव। Petriotism Poem। Hindi Poem। Aazadi ka amrit mahotsav । Desh Hamara Sabse Pyara । Desh bhakti kavita । 15 August । 26 January।

देश हमारा सबसे प्यारा ( Desh Hamara Sabse Pyara ) हिंदी कविता

नमस्कार! स्वागत है आपका हमारे सुंदर (beautiful) कविता संग्रह में। यहाँ हम प्रस्तुत कर रहे हैं भारतीय भावनाओं का संगम – एक भाषाओं, धर्मों, और संस्कृतियों के एकता को व्यक्त करती हुई ‘देश हमारा, सबसे प्यारा’ कविता। यह एक भारतीय कविता (Indian poem) है जो हमें याद दिलाती है कि हमारा भारत एकता में विश्वास रखता है।

हमारा भारत विविधता के सूरमय (glorious) संसार में एक माना जाने वाला राष्ट्र है। भाषाएँ अलग हैं, धर्म अलग हैं, परंतु हमारे दिलों में बसती है एक राष्ट्रवादी भावना (nationalist sentiment)। यहाँ हम एक दूसरे का सम्मान करते हैं, भाईचारे की भावना (sense of brotherhood) को अपनाते हैं।

इस कविता में, हमारे देश की विविधता को ध्यान में रखते हुए हमने देखा है कि भाषाओं, धर्मों, संस्कृतियों, और जीवन शैलियों में भी भारत की एकता छिपी है। इस कविता में भारतीय संस्कृति की माधुर्यपूर्ण छवि (captivating image) को साकार किया गया है जो हर व्यक्ति को आकर्षित करती है।

यहाँ हम अपने भाषाओं, परंपराओं, और समृद्ध विरासत (rich heritage) के प्रति गर्व करते हैं और उसी गर्व के साथ एक दूसरे को सम्मान और प्यार देते हैं। यहाँ हम एकता और समरसता (unity and harmony) का पाठ पढ़ाते हैं और हमेशा साझा करते हैं भारत की अमूल्य विरासत को।

आइए साथ मिलकर इस भावनात्मक (emotional) कविता को पढ़ें और बच्चों को भी सिखाएं भारत की समृद्ध एकता और संस्कृति के बारे में। आपके दिल को छूने वाली यह कविता आपके और आपके बच्चों के दिलों में भारतीयता की अनमोल भावना को जगाएग

भारतीय एकता देशभक्ति कविता

देश हमारा, सबसे प्यारा।
दुनिया मे है सबसे न्यारा।।

भाषा अलग है, धर्म अलग है।
बोलचाल पहनावा अलग है।।
खान – पान, घर – वार अलग है।
फिर भी, दिखता भाईचारा ।।

देश हमारा, सबसे प्यारा।
दुनिया मे है सबसे न्यारा।।

मंदिर, मस्जिद, चर्च अलग है।
पूजा की भी तर्ज अलग है।।
मन में भाव समेटे कितने ?
फिर भी, लगता एक ही सारा।।

देश हमारा, सबसे प्यारा।
दुनिया मे है सबसे न्यारा।।

मौसम की भी हवा अलग है।
पानी की भी समा अलग है।।
नदियों के यहां रूप है कितने?
फिर भी, सबकी एक ही धारा।।

देश हमारा, सबसे प्यारा।
दुनिया मे है सबसे न्यारा।।

सूरज का दीदार अलग है।
आपस मे भी प्यार अलग है।।
जीने के यहां रूप है कितने?
फिर भी, एक ही चंदा, एक ही तारा (सूरज)।।

देश हमारा, सबसे प्यारा।
दुनिया मे है सबसे न्यारा।।

खेत अलग है, फसल अलग है।
मिट्टी का भी रंग अलग है।।
करने के यहां व्यापार है कितने?
फिर भी, एक राष्ट का रंग हैं सारा।।

देश हमारा, सबसे प्यारा।
दुनिया मे है सबसे न्यारा।।

एक ही झंडा , रंग अलग है।
रंगो के भी अर्थ अलग है।।
अर्थों का भंडार है कितना?
फिर भी, सबका एक ही नारा।।

देश हमारा, सबसे प्यारा।
दुनिया मे है सबसे न्यारा।।

Desh Hamara Sabse Pyara कविता संग्रह

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