पाठ योजना: कक्षा 2
पुस्तक: सारंगी
पाठ 3: माला की चाँदी की पायल
लेखक: ऐनी बेसंट
अध्यापन अवधि: 35-40 मिनट
शिक्षण सामग्री:
- पाठ्यपुस्तक
- चित्र (माला, चाँदी की पायल, बिल्ली, नानी आदि के)
- फ्लैशकार्ड्स
- ब्लैकबोर्ड और चॉक
शिक्षण उद्देश्य:
- विद्यार्थियों को पाठ “माला की चाँदी की पायल” का सार समझाना।
- कहानी के पात्रों, घटनाओं और संदेश को समझने में मदद करना।
- शब्दावली में सुधार करना और नए शब्द सिखाना।
- विद्यार्थियों की कल्पनाशक्ति को विकसित करना।
प्रारंभिक चरण (10 मिनट)
- प्राथमिक जानकारी:
- बच्चों से चाँदी की पायल और उसके महत्व के बारे में पूछें।
- उनसे पूछें कि वे घर में किससे डरते हैं या किसे मज़ाक में डराते हैं।
- प्रस्तावना:
- बच्चों को बताएं कि आज वे माला की कहानी पढ़ने जा रहे हैं, जिसने अपनी चाँदी की पायल से घर के सभी लोगों को डराना बंद कर दिया।
- बच्चों को पाठ का शीर्षक और लेखक का परिचय दें।
मध्य चरण (20 मिनट)
- पाठ वाचन:
- अध्यापक धीरे-धीरे पाठ का वाचन करें।
- वाचन करते समय चित्रों का उपयोग करें, जैसे माला की पायल की ध्वनि ‘छिक-छिक-छम’ का अनुकरण।
- बच्चों को कहानी के विभिन्न पात्रों के बारे में बताएं (माला, नानी, छोटा भाई, डाकिया, बिल्ली)।
- शब्दार्थ और वाक्य प्रयोग:
- बच्चों से कठिन शब्दों का अर्थ पूछें, जैसे ‘पायल,’ ‘डिब्बी,’ ‘लिपटी’ आदि।
- इन शब्दों को वाक्य में प्रयोग करने का अभ्यास कराएं।
- प्रश्नोत्तर:
- माला की पायल पहनने के बाद क्या हुआ?
- माला ने अपनी पायल क्यों उतार दी?
- माला किस-किस को डराने की कोशिश करती थी?
- कहानी का मुख्य संदेश क्या है?
समापन चरण (10 मिनट)
- पाठ की पुनरावृत्ति:
- बच्चों से कहानी के मुख्य बिंदुओं को दोहराने के लिए कहें।
- माला की चाँदी की पायल से कहानी का संदेश क्या था, इसे सरल शब्दों में समझाने के लिए कहें।
- रचनात्मक कार्य:
- बच्चों से पायल का चित्र बनाने के लिए कहें और उसे रंग भरने के लिए कहें।
- वे माला की पायल की ध्वनि का अनुकरण करते हुए नाटक कर सकते हैं।
- गृहकार्य:
- बच्चों को कहानी का सारांश 3-4 वाक्यों में लिखने के लिए कहें।
- घर पर अपनी पसंदीदा चीज़ के बारे में एक छोटी कहानी लिखें।
मूल्यांकन:
- प्रश्नों के उत्तर और कहानी की पुनरावृत्ति के आधार पर बच्चों की समझ का आकलन करें।
- बच्चों की रचनात्मकता और सक्रिय भागीदारी को भी ध्यान में रखें।
इस प्रकार की पाठ योजना से बच्चों को न केवल कहानी का आनंद मिलेगा, बल्कि वे उसकी सिखाई गई नैतिकता को भी समझ सकेंगे।