इंसान की सोच कैसे बदलती है?
Motivational Story in Hindi । हिंदी मोटिवेशनल स्टोरी । Hindi Story
इंसान की सोच कैसे बदलती है ? (Motivational story in hindi ) कहानी मे एक साधारण सोच को लेकर चर्चा की गई है। कि कैसे एक इंसान अपनी सोच मे बिना विचार किए परिवर्तन लाता है। उसकी सोच एक छोटी सी परिस्थिति से एकदम बदल जाती है। हम अस्थिर होकर ये भी भूल जाते कि सामने वाला कितना सही है। एक इंसान की कहानी उसके शब्दों मे।
हमसे जुड़ने के लिए हमार facebook page को like kare , click on link below https://www.facebook.com/Lineofmotive/
बहुत तेज़ धूप हो रही थी। मैं सुनसान रास्ते पर जा रहा था काफी समय से चलते चलते मुझे बहुत तेज प्यास लगने लगी थी। मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूँ? लेकिन मैं चलता जा रहा था कि मुझे कोई दिखाई दे। बहुत दूर चलने के बाद मुझे एक घर दिखाई दिया। मैने चैन की सांस ली, अब मुझे पानी मिल सकता था। पानी की उम्मीद लिए, मैं उस घर के सामने खड़े एक पेड़ के नीचे जाकर बैठ गया।
मैं सोच रहा था की मुझे कोई दिखाई दे जिससे मैं पानी मांग सकू। तभी अचानक मैंने देखा कि एक आदमी मुझे ऊपर से देख रहा है। उसे देखकर मेरे मन मे ख्याल आया मानो मुझे कोई फरिश्ता मिल गया हो। फिर मैंने वही से उसे पानी का इशारा किया। वह आसानी से समझ गया था कि मुझे बहुत प्यास लगी है। उसको देखकर मेरे मन में यह विचार आया कि वह कितना अच्छा आदमी है? उसे कितनी जल्दी एहसास हुआ कि मैं प्यासा हूँ?
हिंदी कहानी
काफी समय बीत गया लेकिन वह आदमी नहीं आता दिखाई दिया। मेरे मन के विचार बदलने लगे। मैं सोचने लगा की कितना अजीब इंसान है। वह प्यासे पानी पिलाने भी नही आ सका। कैसा जमाना आ गया है? मैं सोच ही रहा था कि, मैंने देखा कि वह व्यक्ति एक जग और एक गिलास लेकर मेरी तरफ आ रहा है।
उस व्यक्ति ने बड़े ही विनर्म भाव से कहा “सॉरी भाई” आपको थोड़ा इंतजार करना पड़ा। मुझे भी आपको इंतजार करवाना अच्छा नहीं लग रहा था। आप बहुत दूर से आ रहे हो शायद और आप बहुत थके हुए भी लग रहे हो।फिर मैंने सोचा क्यों न? उनके लिए एक गिलास शिकंजी बना ली जाए। इसलिए मुझे शिकंजी बनाने में थोड़ा समय लग गया। ओह! तभी मेरे मन के विचार बदल गए। मैं सोचने लगा ! यह तो बहुत अच्छा इंसान है। पानी की जगह शिकंजी ले कर आया है और मैं क्या सोच रहा था?
ज्ञानवर्धक कहानी आगे पढ़ते रहिए।
उसने मुझे एक गिलास शिकंजी पीने को दी और मैं बड़ी खुशी से उसको पीने लगा। मैने जैसे ही शिकंजी का एक घूंट पिया। मैंने देखा कि उसमें चीनी नहीं थी, तभी मैंने सोचा कि यह कैसा इंसान है? बिना चीनी के कोई शिकंजी देता है। वह सिर्फ शिकंजी का नाम ही कर रहा है। इससे तो अच्छा पानी ही दे देता। मैं सोच ही रहा था कि, उसने जेब से एक पैकेट निकाला और कहा भाई बताओ? आप कितनी चीनी लेंगे? तब क्या था? मेरा दिमाग फिर से घूम गया और सोचने लगा कि मैं कितना गलत था, यह व्यक्ति वास्तव में अच्छा है।
देखा! आपने इंसान की सोच कितनी जल्दी बदलती है। हम दूसरे को मौका ही नही देते ताकि वो खुद को साबित कर सके, हम अपने अनुमान पर सोचने लगते है। हमे सामने वाले को कुछ वक्त देना चाइए ताकि वह खुद को पूरी तरह रख सके । थोड़ा भरोसा और संयम जीवन मे होना चाइए। धन्यवाद।
Bhoopendra singh
साथियों कैसी लगी हमारी स्टोरी हमे कॉमेंट मे जरूर बताए। 🙂
बहुत ही सुंदर और प्रेरणादायक कहानी है।👌👌
It’s true.. insaan pap pal badlta rehta hai