NPS vs OPS / नई और पुरानी पेंशन के नुकसान और फायदे

नई पेंशन स्कीम (NPS) क्या होती है? / पुरानी पेंशन स्कीम (OPS)क्या होती है? / यह दोनों आपस में क्यों अलग है? / उनके क्या-क्या फायदे हैं ? / क्या क्या नुकसान हैं? नीचे हम लेख में समझेंगे।

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नई और पुरानी पेंशन को समझने से पहले हम मनुष्य की जरूरतों को पूरा करने वाले साधनों के बारे में विचार करते हैं

मनुष्य की जरूरतों को पूरा करने वाले साधन विभिन्न होते हैं और ये साधन व्यक्ति की जरूरतों के आधार पर भिन्न-भिन्न होते हैं। इन साधनों का उपयोग हम अपनी जीवनशैली के अनुसार करते हैं और इन साधनों की मदद से हम अपने आसपास की दुनिया में बेहतर से बेहतर बनाने की कोशिश करते हैं।कुछ साधन जो मनुष्य की जरूरतों को पूरा करते हैं वे हैं:

खाद्य सामग्री: खाद्य सामग्री मनुष्य के जीवन का मुख्य साधन है। हम खाद्य सामग्री की मदद से अपनी जरूरतों को पूरा करते हैं जो हमारे शरीर को ऊर्जा देते हैं और हमें स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।

वस्तुएं: वस्तुएं भी मनुष्य की जरूरतों को पूरा करने में मदद करती हैं। वस्तुएं मनुष्य की जरूरतों के अनुसार विभिन्न होती हैं जैसे घर, कपड़े, सामान्य उपयोग के सामान और अन्य सामान।

वाहन: वाहन मनुष्य को अपने दैनिक जीवन के काम के लिए जरूरी होते हैं। वाहन न केवल हमें बहन करने के लिए प्रयोग में आते हैं बल्कि हमारे सामान को भी इधर-उधर ले जाने में सहायता करते हैं और हम वाहन के द्वारा ही अपने गंतव्य पर समय से पहुंच पाते हैं।

इन सभी जरूरी साधनों की जरूरतों को पूरा करने के लिए हमें मुख्यतः किस चीज की आवश्यकता होती है? यह प्रश्न बताना इतना मुश्किल नहीं है। पैसा ही हमारी जरूरतों को पूरा करता है। और यदि वह पैसा हमें रिटायरमेंट के तौर पर निरंतर मिलता रहे तो हमारी जो बाकी बची हुई जिंदगी है वह बहुत आसानी से व्यतीत हो जाती है। आइए हम नीचे रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली दोनों पेंशनों के बारे में चर्चा करते हैं।

पुरानी पेंशन -Old pension scheme

पुरानी पेंशन क्या है (OPS – ओल्ड पेंशन स्कीम )

पुरानी पेंशन भारत सरकार द्वारा 1 जनवरी 1972 से शुरू की गई थी। इस स्कीम के अंतर्गत सरकारी कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद निर्धारित पेंशन दी जाती थी। इस स्कीम में कर्मचारियों के द्वारा जमा किए गए निधि का एक हिस्सा सरकार द्वारा भी जमा किया जाता था।

इस स्कीम के अंतर्गत, कर्मचारी अपनी सेवानिवृत्ति के बाद उनके जमा किए गए निधि के आधार पर पेंशन प्राप्त करते थे। इस स्कीम में कर्मचारियों के द्वारा जमा किए गए निधि का एक हिस्सा सरकार द्वारा भी जमा किया जाता था।पुरानी पेंशन स्कीम में, कर्मचारी अपनी सेवा के अधिकार में पात्र होने पर उन्हें उनके वेतन का 50% पेंशन के रूप में दिया जाता था। यह पेंशन विधिवत बढ़ती थी और इसमें दुश्वार्थी अंतिम वेतन एवं सेवाकाल का अधिग्रहण किया जाता था। पुरानी पेंशन स्कीम में कर्मचारी अपने सेवानिवृत्ति के बाद अपनी पेंशन की रकम को अपनी चयनित बैंक प्राप्त करते रहते थे। पुरानी पेंशन अभी भी कुछ सरकारी कर्मचारियों को मिलती है जिसमें हमारे मुख्यतः डिफेंस सर्विस के कर्मचारी आते हैं और एमएलए और एमपी को भी अभी पुरानी पेंशन प्राप्त होती है।

पुरानी पेंशन स्कीम भारत सरकार द्वारा 1 अप्रैल 2004 से बंद कर दी गई थी और नई पेंशन स्कीम (NPS) को शुरू किया गया था। NPS एक स्वयं-चलन योजना है जिसमें सरकार का कोई योगदान नहीं होता है, जबकि पुरानी पेंशन स्कीम में सरकार भी अपना योगदान देती थी।

पुरानी पेंशन स्कीम के क्या-क्या फायदे हैं ?

पुरानी पेंशन स्कीम के कुछ मुख्य फायदे निम्नलिखित हैं:

👉 फिक्स्ड पेंशन एमाउंट: पुरानी पेंशन स्कीम में एक फिक्स्ड पेंशन एमाउंट निर्धारित किया जाता है जो आपको पेंशन की सुरक्षित इनकम का भरोसा देता है।

👉 जीवनभर की गारंटी: पुरानी पेंशन स्कीम में जीवनभर की पेंशन गारंटी होती है जो आपको एक सुरक्षित भविष्य की जानकारी देती है।

👉 इनकम टैक्स के बाद छूट: पुरानी पेंशन स्कीम से मिलने वाली पेंशन के लिए कटौती के बाद आपको इनकम टैक्स के बाद छूट दी जाती है।

👉 समान शुल्क के साथ: पुरानी पेंशन स्कीम में पेंशन के लिए समान शुल्क होता है जो आपको निवेश के बाद किसी भी नकदी कटौती से बचाता है।

👉 दैनिक खर्च के लिए पेंशन राशि: पुरानी पेंशन स्कीम में पेंशन राशि दैनिक खर्च के लिए उपलब्ध होती है।

👉 विधवाओं और बच्चों के लिए लाभ: पुरानी पेंशन स्कीम के तहत, विधवाओं और बच्चों को आपकी मृत्यु के बाद लाभ प्राप्त करने के साथ ही एक सुरक्षित जीवन जीने का मोका मिलता है।

पुरानी पेंशन के क्या क्या नुकसान है?

पुरानी पेंशन योजना के नुकसान निम्नलिखित हैं:

👉 नकदी की कमी: पुरानी पेंशन योजना के तहत पेंशन केवल निधि की जब्ती के आधार पर होती है, इसका अर्थ है कि आपको कुछ नए कर्मचारियों की तरह अपने प्रत्येक वेतन से निधि के लिए जमा करना होता है। इसके अलावा, आपके द्वारा जमा की गई राशि आपके वित्तीय उद्देश्यों के लिए उपलब्ध नहीं होती है।

👉 न्यून राशि: पुरानी पेंशन योजना में पेंशन राशि सीमित होती है जो अधिकतम वेतन के आधार पर निर्धारित की जाती है। इसका अर्थ है कि जब आप अपनी पेंशन की राशि निर्धारित करते हैं, तो आपको उस समय अपने वेतन के साथ जुड़ी किसी भी तरह की वृद्धि के लिए आवेदन नहीं करने की आवश्यकता होती है।

👉 निवेश का जोखिम: पुरानी पेंशन योजना एक आर्थिक निवेश होती है जो आपके निधि का निवेश करती है और आपको उसके वित्तीय उद्देश्यों के अनुसार वापसी प्रदान करती है। इसलिए, इसका जोखिम भी होता है।

पुरानी पेंशन क्यों जरूरी है?

पुरानी पेंशन योजना का महत्व निम्नलिखित कारणों से है:

👉 समाज की उम्र के लोगों की सेवा: पेंशन योजना से उम्र के लोगों को आर्थिक मदद मिलती है जो उनके द्वारा की गई नौकरियों के दौरान वे धनराशि जमा करने में सक्षम नहीं थे। यह सामाजिक न्याय का एक महत्वपूर्ण साधन है।

👉 भविष्य की आर्थिक सुरक्षा: पेंशन योजना भविष्य की आर्थिक सुरक्षा की गारंटी देती है। इससे लोग अपने उम्रदराज दिनों में भी अपनी जरूरतों को पूरा करने में सक्षम रहते हैं।

👉 बचत की प्रेरणा: पेंशन योजना लोगों को बचत करने के लिए प्रेरित करती है। इससे लोग अपने भविष्य के लिए निवेश करने के लिए उत्साहित होते हैं।

👉 निवेश के लिए विकल्प: पेंशन योजना लोगों को निवेश करने के लिए विभिन्न विकल्पों का चयन करने की सुविधा देती है। लोग इन विकल्पों में अपनी वित्तीय आवश्यकताओं और जोखिमों के अनुसार चयन कर सकते हैं।

ज्यादातर कर्मचारी पुरानी पेंशन को क्यों पसंद करते हैं?

ज्यादातर कर्मचारी पुरानी पेंशन को पसंद करते हैं क्योंकि इसमें कर्मचारी एक फिक्स्ड राशि के लिए नियमित रूप से भुगतान करते हैं जिससे वे अपनी विवाहित जीवन की अंतिम वर्षों में एक स्वस्थ और आरामदायक जीवन जी सकते हैं। पुरानी पेंशन स्कीम में, कर्मचारी नियमित रूप से अपनी जमा राशि के साथ सरकार द्वारा उठाए जाने वाले जोखिमों से बच सकते हैं। इससे उन्हें अपने परिवार का ख्याल रखने में मदद मिलती है।इसके अलावा, पुरानी पेंशन स्कीम में निवेश करने से कर्मचारियों को समाज में सम्मानित महसूस होता है, क्योंकि वे अपने व्यवसायिक करियर के दौरान उनकी मेहनत का फल अपने परिवार के लिए सुरक्षित रखते हैं। इसके अलावा, यह उन कर्मचारियों के लिए भी फायदेमंद होता है जो अपने निजी व्यवसाय के लिए काम करते हैं या अपना काम करते हैं और उनके पास कोई अलग पेंशन स्कीम नहीं होती।

पुरानी पेंशन क्यों बंद की गई?

पुरानी पेंशन स्कीम 2004 में बंद की गई थी और नई पेंशन स्कीम (NPS) को शुरू किया गया था। इसके पीछे कुछ मुख्य कारण थे।

👉 संशोधनीय पेंशन प्रणाली का उपयोग: पुरानी पेंशन योजना में, सरकार के कर्मचारियों के लिए संशोधनीय पेंशन प्रणाली का उपयोग किया जाता था। इसका मतलब था कि पेंशन की राशि समय-समय पर संशोधित की जाती थी। इसका संचालन ज्यादा खर्चीला होता था और सरकारी वित्त वर्षा में अस्थिर होता था।

👉 वृद्धावस्था का संभावित लोगों की संख्या में वृद्धि: सामान्य जीवन दर में सुधार के कारण, जीवनकाल में भी लोग लंबी अवधि तक जीते हैं और अधिक उम्र तक नौकरी करते हैं। इसलिए, बढ़ती उम्र के साथ, संशोधित पेंशन प्रणाली का उपयोग अधिक महत्वपूर्ण होता गया। इससे सरकारी वित्त में बढ़ोतरी होती थी।

👉 स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के लिए संशोधनीय पेंशन प्रणाली की जरूरत उनके बहादुरी, वीरता और देश सेवा के प्रति सम्मान को दर्शाती है। इस प्रणाली के तहत स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को सम्मानजनक पेंशन प्रदान किया जाता है।इस प्रणाली में, सेनानियों की आयु, उनके भूमिका और उनकी सेवाकाल के आधार पर पेंशन की राशि निर्धारित की जाती है। सेनानियों को सामान्यतः उनकी महीने की आय और सेवाकाल के अनुसार पेंशन दी जाती है।संशोधनीय पेंशन प्रणाली के तहत स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है जो उनके जीवन के बाद भी चलती रहती है। इस प्रणाली का उद्देश्य सेनानियों के जीवन को आसान और सुखद बनाना है ताकि वे अपनी आयु के बाद भी दिग्गजों की तरह जीवन जी सकें।

नई पेंशन स्कीम – New Pension Scheme

नई पेंशन स्कीम क्या है? (NPS – New Pension scheme न्यू पेंशन स्कीम)

NPS (National Pension System) एक स्वयं-चलन योजना है जिसे भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया है। इस योजना के अंतर्गत भारतीय नागरिक और निजी सेक्टर के कर्मचारी अपने भविष्य के लिए निवेश करते हैं। NPS में निवेशक स्वयं अपने निवेश का चयन करते हैं और योजना के अंतिम निधि का उपयोग पेंशन या अन्य लाभों के लिए किया जाता है।NPS का मुख्य लक्ष्य लोगों को सेवानिवृत्ति के बाद एक स्वयं-चलन और सुरक्षित पेंशन संरचना प्रदान करना है। यह योजना कर्मचारियों और निजी व्यक्तियों के लिए उपलब्ध है।NPS के तहत निवेशक कई निवेश विकल्पों में निवेश कर सकते हैं, जिसमें शेयर बाजार, राज्य और संघ के बॉन्ड, सुदृढ़ निधि योजनाएं आदि शामिल हैं। सरकार भी निवेशक के निधि में अपना योगदान देती है जिसकी सहायता से निवेशक का पूर्ण निवेश बढ़ सकता है।

न्यू पेंशन स्कीम एक भारत सरकार द्वारा शुरू की गई योजना है जो भारत के नागरिकों को एक सुरक्षित भविष्य के लिए तैयार करती है। इस योजना के अंतर्गत, लोगों को एक नियमित वित्तीय सहायता प्राप्त करने का मौका मिलता है। यह एक सरल और समझने में आसान योजना है जो लोगों को निजी पेंशन के नुकसान से बचाने में मदद करती है।न्यू पेंशन स्कीम में शामिल होने के लिए, आवेदक की आयु 18 से 40 वर्ष के बीच होनी चाहिए। यह योजना सभी वेतन वर्गों के लोगों के लिए उपलब्ध है।

इस पेंशन स्कीम में शामिल होने वाले लोगों को न्यूनतम 20 वर्ष की नियमित भुगतान योग्य सेवा करने की आवश्यकता होती है। न्यू पेंशन स्कीम के तहत, लोगों को सेवानिवृत्ति के बाद न्यूनतम 1,000 रुपए प्रति माह की नियमित पेंशन प्राप्त होगी।न्यू पेंशन स्कीम का लाभ लेने के लिए, आवेदक को पेंशन योग्य आयु तक नियमित भुगतान योग्य सेवा करने की आवश्यकता होगी।

न्यू पेंशन स्कीम ( NPS ) के क्या – क्या फायदे हैं?

न्यू पेंशन स्कीम (NPS) के कुछ मुख्य फायदे हैं:

👉 स्वयं-नियंत्रण: NPS में निवेशकों को अपने निवेश के लिए स्वयं विकल्प चुनने की स्वतंत्रता होती है। वे अपने निधि को विभिन्न निवेश विकल्पों में विभाजित कर सकते हैं।

👉 सुरक्षित: NPS सरकार द्वारा नियोजित होती है जिससे इसकी सुरक्षा और भरोसेमंद होती है।

👉 कम शुल्क: NPS का शुल्क बहुत कम होता है जो निवेशकों के लिए अधिक उपलब्धियों का एक महत्वपूर्ण स्रोत बनता है।

👉 पेंशन आय: NPS में निवेशक अपने जीवन के बाद सुरक्षित और सुगम पेंशन प्राप्त कर सकते हैं।

👉 अतिरिक्त कर छूट: NPS का निवेश भारतीय निवेशकों को अतिरिक्त कर छूट प्रदान करता है। यह अधिकतम 50,000 रुपये तक की कर छूट प्रदान करता है।

👉 संवेदनशील निवेश: NPS में निवेशक अपनी निवेश सामग्री को संवेदनशील बनाने के लिए शेयर बाजार, राज्य और संघ सरकार के बॉन्ड, सुदृढ़ निधि योजनाएं आदि में निवेश कर सकते हैं।

न्यू पेंशन स्कीम ( NPS ) के क्या – क्या नुकसान हैं?

न्यू पेंशन स्कीम (NPS) कई तरह के फायदों के साथ नुकसान भी हो सकते हैं। नीचे दिए गए हैं कुछ मुख्य नुकसान:

👉 ज़्यादा संयम और नियंत्रण: NPS में निवेश करने के लिए आपको ज़्यादा संयम और नियंत्रण की आवश्यकता होती है। इसलिए, निवेशकों को अपनी ज़िम्मेदारियों को समझना चाहिए और उन्हें निवेश करने से पहले अच्छी तरह से जानना चाहिए कि यह निवेश उनके लक्ष्यों और आवश्यकताओं के अनुसार है या नहीं।

👉 निवेश की कीमत: NPS में निवेश की कीमत विनियमित रूप से बदलती रहती है। इसलिए, निवेशकों को अपनी ज़िम्मेदारियों को समझना चाहिए और उन्हें निवेश करने से पहले अच्छी तरह से जानना चाहिए कि इसमें निवेश की कीमत क्या होगी।

👉 कम लिक्विडिटी: NPS में निवेश करने से पहले, निवेशकों को यह भी ध्यान में रखना चाहिए कि इसमें निवेश के पैसे को आसानी से निकालना मुश्किल हो सकता है। इसलिए, अगर आप लंबे समय तक निवेश करने के लिए निवेश करते हैं,

न्यू पेंशन स्कीम की जरूरत क्यों है?

न्यू पेंशन स्कीम की जरूरत विभिन्न कारणों से होती है। कुछ मुख्य कारण निम्नलिखित हैं:

👉 दुनिया भर में लोगों की उम्र बढ़ रही है और ऐसे में वे अपने बुढ़ापे में भी आराम से जीवन जीना चाहते हैं। लेकिन अधिकतर लोगों के पास नियमित आय की स्थिति नहीं होती है और उन्हें उनकी जरूरतों के लिए पैसों की आवश्यकता होती है। न्यू पेंशन स्कीम इस समस्या को हल करने में मदद करती है।

👉 न्यू पेंशन स्कीम के अंतर्गत निवेश के लिए विभिन्न विकल्प उपलब्ध होते हैं जो निवेशकों को संतुलित वित्तीय निवेश करने की सुविधा प्रदान करते हैं। इससे वे अपनी आर्थिक स्थिति को सुधार सकते हैं और निवेश के बाद बेहतर रिटर्न कमा सकते हैं।

👉 न्यू पेंशन स्कीम में पेंशन निधि के लिए नियमित भुगतान देने के कारण निवेशकों को जीवन भर के लिए पेंशन का लाभ मिलता है। इससे उनकी आर्थिक स्थिति सुधारती है और उन्हें बुढ़ापे में भी आराम से जीवन जीने योग्य बनाती है।

न्यू पेंशन स्कीम को कर्मचारी क्यों नहीं लेना चाहते है?

न्यू पेंशन स्कीम (NPS) एक ऐसी पेंशन योजना है जो भविष्य के लिए एक सुरक्षित वित्तीय भविष्य तैयार करने का एक बेहतर विकल्प प्रदान करती है। इसके अलावा इसमें टैक्स बचत की सुविधा भी होती है। फिर भी कुछ लोग इसे लेना नहीं चाहते हैं। कुछ मुख्य कारण हैं:

👉 अनिश्चितता: NPS में निवेश करने से उन लोगों को डर लगता है जो अनिश्चित भविष्य के कारण निवेश करने से बचते हैं। वे पेंशन की निर्धारित धनराशि पर निर्भर नहीं होना चाहते हैं।

👉 कम रिटर्न: कुछ लोगों को लगता है कि NPS में निवेश करने से कम रिटर्न होता है। वे अधिक रिटर्न की उम्मीद रखते हैं।

👉 लॉक-इन पीरियड: NPS के निवेशकों को 60 वर्ष की उम्र तक निवेश करना होता है और निकासी पर कुछ शर्तें लगी होती हैं। कुछ लोगों को इस लॉक-इन पीरियड की अधिकता की वजह से यह योजना पसंद नहीं आती है।

👉 विभिन्न विकल्पों की उपलब्धता: न्यू पेंशन स्कीम के अलावा भी और बहुत सारे ऐसे विकल्प है जिसमें हम अधिक से अधिक निवेश कर सकते हैं।

क्या न्यू पेंशन स्कीम को बीच में छोड़ा जा सकता है?

हाँ, न्यू पेंशन स्कीम को बीच में छोड़ा जा सकता है। इसमें अगर कोई व्यक्ति स्कीम के लाभ लेना बंद कर देता है तो उसे अपनी कुल जमा राशि वापस ले सकता है। हालांकि, इसमें निवेश के दौरान उत्पन्न होने वाले निधियों का नुकसान हो सकता है और इसके बाद वापसी की राशि भी कम हो सकती है। साथ ही, विकल्प उपलब्ध है कि व्यक्ति स्कीम से जुड़े रहकर प्रत्येक साल कुछ हिस्सा निकाल सकता है या स्कीम को पूरी तरह से बंद कर दे सकता है।

दोनों प्रकार की पेंशन में अंतर।

नई और पुरानी पेंशन दोनों में अंतर होता है। पुरानी पेंशन प्रणाली जहां पर पेंशन राशि सेवाकाल और उनकी आय के आधार पर निर्धारित की जाती थी, जबकि नई पेंशन प्रणाली जो आधुनिक समय में लागू की जाती है, उसमें आय और सेवाकाल के साथ-साथ अन्य अंतर्दृष्टि भी शामिल होती हैं।नई पेंशन प्रणाली जहां पर पेंशन राशि केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित की जाती है, उसमें सेवाकाल के अलावा पेंशन के लिए जमा की गई धनराशि पर भी ब्याज मिलता है। इस प्रणाली में, सरकार नियमित अंतराल पर पेंशन राशि को अपडेट करती है, जो वर्तमान समय के मूल्य और अन्य अंतर्दृष्टि के आधार पर निर्धारित की जाती है।दूसरी ओर, पुरानी पेंशन प्रणाली में, पेंशन राशि केवल सेवाकाल और आय के आधार पर निर्धारित की जाती थी, इसलिए उसमें ब्याज के लिए कोई प्रतिबंध नहीं था। हालांकि, इस प्रणाली में पेंशन राशि अनुमानित जीवन अवधि के अनुसार निर्धारित की जाती थी।

नई और पुरानी पेंशन को लेकर यदि आपके मन में और कोई सवाल है तो आप हमें ईमेल या कमेंट कर सकते हैं।

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