पुरानी पेंशन हम लेकर रहेंगे ।
विगत वर्षो से चलाए जा रहे पुरानी पेंशन को लेकर अभियान और आंदोलन, जो की लोक हितकारी है । उसी से प्रेरित होकर जन को जागरूक करने के लिए लिखी कविता प्रस्तुत है ।
*आज अभी से प्रण होगा *
आज अभी से प्रण होगा,
जीने के लिए अब रण होगा ।
मर – मर के जीना क्या है ?
लड़कर मरने से हल होगा ।
आज अभी से प्रण होगा, जीने के लिए अब रण होगा ।
बहुत सह लिया अब ना सहेंगे,
जीवन का इतिहास लिखेंगे ।
बूढ़ी आंखें नम हो चली ,
अब ना कोई आंसू बहेगा ।
आज अभी से प्रण होगा,
जीने के लिए अब रण होगा ।
आगाज करो और टेंशन छोड़ो,
पुरानी पेंशन से नाता जोड़ो ।
मरने जीने का साथ यही है ,
जीवन अब ना तंग होगा ।
आज अभी से प्रण होगा,
जीने के लिए अब रण होगा ।
धन्यवाद ।
हिंदी कविताओं के लिए नीचे क्लिक करे –
https://lineofmotive.in/home-page/stories-poem/