पुरानी पेंशन पर “आज अभी से रण होगा ” शिक्षक भूपेंद्र चौहान द्वारा लिखी पंक्तियां ।

पुरानी पेंशन हम लेकर रहेंगे ।

विगत वर्षो से चलाए जा रहे पुरानी पेंशन को लेकर अभियान और आंदोलन, जो की लोक हितकारी है । उसी से प्रेरित होकर जन को जागरूक करने के लिए लिखी कविता प्रस्तुत है ।

भूपेंद्र चौहान पुरानी पेंशन
भूपेंद्र सिंह चौहान (सहायक अध्यापक)

*आज अभी से प्रण होगा *

आज अभी से प्रण होगा,
जीने के लिए अब रण होगा ।
मर – मर के जीना क्या है ?
लड़कर मरने से हल होगा ।


आज अभी से प्रण होगा, जीने के लिए अब रण होगा ।

बहुत सह लिया अब ना सहेंगे,
जीवन का इतिहास लिखेंगे ।
बूढ़ी आंखें नम हो चली ,
अब ना कोई आंसू बहेगा ।

आज अभी से प्रण होगा,
जीने के लिए अब रण होगा ।

आगाज करो और टेंशन छोड़ो,
पुरानी पेंशन से नाता जोड़ो ।
मरने जीने का साथ यही है ,
जीवन अब ना तंग होगा ।

आज अभी से प्रण होगा,
जीने के लिए अब रण होगा ।

धन्यवाद ।

https://www.google.com/amp/s/www.aajtak.in/amp/uttar-pradesh/story/yogi-government-denied-old-pension-scheme-in-up-gave-this-argument-in-assembly-lcla-1754550-2023-08-10

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