यहाँ ‘टिल्लू जी’ (पाठ 7, कक्षा 2, पुस्तक ‘सारंगी’) की पाठ योजना है:
पाठ: टिल्लू जी ( Lesson Plan )
- पाठ्यपुस्तक: सारंगी
- कक्षा: 2
- लेखक: नरेश सक्सेना
शिक्षण उद्देश्य:
- विद्यार्थियों को कविता की संरचना और भावों को समझना।
- विद्यार्थियों को हास्य रस का अनुभव कराना।
- दैनिक जीवन की छोटी-छोटी घटनाओं को साहित्य के माध्यम से जोड़ना।
शिक्षण विधियाँ:
- प्रारंभिक गतिविधि:
- बच्चों से पूछा जाए: “क्या कभी तुमने स्कूल जाते समय कुछ भूल किया है?”
- इस प्रकार की व्यक्तिगत घटनाओं पर चर्चा कर उनसे संबंधित भावनाओं पर बात की जाएगी।
- पाठ का पठन:
- कविता का सस्वर वाचन।
- कठिन शब्दों का अर्थ समझाना (जैसे, “भल गए”, “झल गए”, “फूल गए”)।
- कविता के भावों की चर्चा, जैसे कि भय, राहत, और प्रसन्नता।
- प्रश्नोत्तर:
- टिल्लू जी ने क्या भुला दिया था?
- गेट पर पहुँचकर टिल्लू जी को कैसा महसूस हुआ?
- माँ के पास पहुँचने पर टिल्लू जी ने क्या किया?
- गतिविधियाँ:
- चित्रकला: विद्यार्थी टिल्लू जी का चित्र बनाकर उसमें रंग भरेंगे।
- नाट्य रूपांतरण: कविता को नाटक के रूप में प्रस्तुत करना।
- समूह चर्चा:
- बच्चों से पूछा जाएगा कि वे स्कूल जाते समय और किन चीजों को ध्यान में रखते हैं।
- भुलक्कड़पन से बचने के उपायों पर चर्चा।
मूल्यांकन:
- कविता को सही ढंग से पढ़ने और समझने की क्षमता।
- कविता के भावों को अपने शब्दों में व्यक्त करना।
- कक्षा में की गई गतिविधियों में सहभागिता।
गृहकार्य:
- विद्यार्थी अपनी किसी यादगार घटना के बारे में लिखें, जहाँ उन्होंने कुछ महत्वपूर्ण चीज भूल की हो।
यह योजना बच्चों को पाठ से जोड़ने में सहायक होगी और उन्हें कविता के हास्य रस का अनुभव कराएगी।
पाठ योजना -6: चींटा – खेल गीत (कक्षा 2, हिन्दी , पुस्तक: सारंगी)
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