मेरी प्यारी तितली रानी – हिंदी कविता
Meri Pyari Titli Rani – मेरी प्यारी तितली रानी – हिंदी कविता मे तितली का वर्णन एक छोटे बच्चे द्वारा किया गया है।
Meri Pyari Titli Rani Hindi Poem
मेरी प्यारी तितली रानी ।
तितली रानी – तितली रानी ।।
पंख है इसके रंग बिरंगे ।
कुछ नीले कुछ पीले – पीले ।।
सुंदर सी मुस्कान लिए है ।
मीठी – मीठी इसकी वाणी ।।
मेरी प्यारी तितली रानी ।
तितली रानी – तितली रानी ।।
सुबह – सुबह वह उड़ने जाती ।
बच्चो के वह मन को भांति ।।
बाग बगीचे घर है उसके ।
फल – फूलों से पीती पानी ।।
मेरी प्यारी तितली रानी ।
तितली रानी – तितली रानी ।।
मुझको भी तुम सैर करा दो ।
नन्हे नन्हे पंख लगा दो ।।
नए नए फूलो पर उड़कर ।
मुझको करनी अब मनमानी ।।
मेरी प्यारी तितली रानी ।
तितली रानी – तितली रानी ।
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तितली के बारे मे कुछ रोचक बातें !
तितली, जो कीटाणु ज्यामिति शाखा के एक सदस्य है, संयुक्त राज्य अमेरिका का राष्ट्रीय पक्षी है। यह सुंदर पक्षी अपने विविध रंगीन पंखों के लिए प्रसिद्ध है। इसके पंख हल्के और मध्यम आकार के होते हैं, जो एक व्यापक स्पष्ट विचित्रता के साथ दिखाई देते हैं।
यह पक्षी बहुत ही कौशल्यपूर्ण उड़ाने भरती है और गुच्छ के साथ आकाश में नृत्य करती है। इसका उड़ान तत्परता और सुंदरता का प्रतीक है, जो इसे एक अद्वितीय प्राणी बनाता है।
टिटली का जीवनकाल उसके विभिन्न संचरण क्षेत्रों और मौसम के अनुसार अलग-अलग होता है। इसका शिशुवावस्था अंडों में अवधि में बिताई जाती है, और इसके बाद वो लार्वा और पुपा रूप में तब्दील होती है। अंततः, यह एक खूबसूरत पंखधारी टिटली की शक्तिशाली और आकर्षक शक्ति के साथ विकसित होती है।
टिटली पुष्पों पर अपनी खाद्यसंस्कृति के लिए प्रसिद्ध है, जहां वह मधुमक्खी, नेवला और अन्य
फूलों से रस चूसकर खाना पसंद करती है। इसके अलावा, टिटली के लिए नीचे से ऊपर उठने और उड़ने की क्षमता होती है, जो इसे अपने आहार के लिए उच्च स्थानों तक पहुंचने में मदद करती है।
टिटली एक प्रमुख प्रजनन एजेंट है और इसका महत्वपूर्ण योगदान पौधों के प्रजनन में होता है। इसकी वजह से यह पृथ्वी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनती है और वनस्पति संवर्धन के लिए अत्यंत आवश्यक होती है।
टिटली एक रोमांचकारी और सुंदर पक्षी है, जिसका दृश्य देखकर हमें प्राकृतिक सौंदर्य का अनुभव होता है। इसकी उड़ान, उसके रंगीन पंख, और उसका महत्वपूर्ण प्रभाव इसे एक आदर्श पक्षी बनाते हैं, जिसे हमें संरक्षित रखना चाहिए ताकि हमारे भविष्य की पीढ़ियों को इस अद्वितीय उपहार का आनंद लेने का अवसर मिल सके।