उठो धरा के वीर सपूतों – फिर से ये आह्वान करो , देशभक्ति कविता

हिंदी देशभक्ति कविता

स्वतंत्रता दिवस पर कविताएं । गणतंत्र दिवस पर कविताएं । देशभक्ति कविताएं । हिंदी कविताएं । कविता संग्रह । 15 अगस्त । 26 जनवरी । गांधी जयंती । स्टेट्स और देशभक्ति लाइंस । Desh bhakti kavita । 15 August 2023 । अमृतकाल । Amrit mahotsav ।

उठो धरा के वीर सपूतों, फिर से ये आह्वान करो , हिंदी देशभक्ति कविता जो की हमारे एक राष्ट्र के निर्माण करने की प्रेरणा देती है। इस गणतंत्र दिवस पर इस कविता को एक राष्ट्र निर्माण के लिए गया जाना चाहिए ।

शिक्षक भूपेंद्र चौहान जी द्वारा लिखीं देशभक्ति कविता बच्चो को एक राष्ट्र बनाने की प्रेरणा देती है।

एक राष्ट्र निर्माण कविता – वीरों की गाथाएं

Utho Dhra ke Veer Sapooto ….

उठो धरा के वीर सपूतों,
फिर से ये आह्वान करो ।
एक राष्ट्र का एक मंत्र हो,
ऐसा तुम अब काम करो।

कौन हिंदू है, कौन है मुस्लिम,
अब ना तुम पहचान करो।
मत भूलो मर्यादा अपनी ,
सबका तुम सम्मान करो ।

उठो धरा के वीर सपूतों,
फिर से ये आह्वान करो ।

रंग एक है, खून एक है,
आपस में ना बार करो।
गद्दारों ने बांटा हमको,
उनका तुम संहार करो।

उठो धरा के वीर सपूतों,
फिर से ये आह्वान करो ।

एक ही ईश्वर रखवाला है,
सब धर्मों का मान रखो ।
सत्य अहिंसा पथ पर चलकर,
एक राष्ट्र निर्माण करो।

उठो धरा के वीर सपूतों,
फिर से ये आह्वान करो ।
एक राष्ट्र का एक मंत्र हो,
ऐसा तुम अब काम करो ।

Written & Published by: Bhoopendra Chauhan

Leave a Comment